× | पुष्पांजली श्री धोली सती जी की ।
चन्द्र तपै सूरज तपै, उद्गन तपे आकाश ।
इन सबसे बढ़ कर तपै सतियों का सुप्रकाश। ।
जय जय श्री धोली सती, सत्य पुंज आधार |
चरण कमल धरि ध्यान में , प्रणवह्ूं बारम्बार ।।
मेरा अपना कुछ नहीं, जो कुछ है सो तोय |
तेरा तुझको सौंप दूं, क्या लागत है मोय ।।
मैया सब कुछ मांगल््यो, जो कुछ मेरे पास ।
दो नैना मत मांगियो माँ, थारे दरशन की आस ।।
सेवा, पूजा, बन्दगी, सभी आपके हाथ।
मैं तो कछु जाणू नहीं, आप जानो मेरी मात।
सावित्री सतयुण समे, त्रेता सीता मात
सती शिरोमणी अम्बिके, आन बचाओ लाज
जणदम्बा जगतारिणी, घोली सती मेरी मात।
भूल चूक सब माफ करो, सिर पर रखियो हाथ ।।
बैल चढ़े शंकर मिले, गरुड़ चढ़े भगवान
सिंह चढ़ी दादी मिली , हो सबका कल्याण । |
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव |
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्व ममदेव देव ।।
यानि कानि च पापानि, ज्ञाता ज्ञात कृतानि च।
तानि सर्वाणि नश्यन्ति, प्रदक्षिण पदे-पदे ।।